विभिन्न बैंको के 32 लाख से अधिक डेविड कार्डो से जुड़े खातो के साथ धोखाधड़ी की आशंका पैदा हो गई है क्योकि इन की सुरक्षा पर सेंध पड़ चुकी है | इसे देश की वित्तीय प्रणाली की सुरक्षा में सेंध का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है | डेविड कार्डधारियों को कहा जा रहा हैं उन के पिन बदलने पड़ सकते हैं | डेविड कार्ड के वित्तीय सेंधमारी की इस घटना में प्रभावित कार्डो की संख्या बढने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है क्योकि जाँच अभी प्रारंभिक स्तर पर ही हैं | एटीएम मशीनों के संचालन में उपयोग होने वाले हिटाची पेमेंट सर्विसेज के सिस्टम से तकनिकी छेड़छाड़ करके ग्राहकों ही सुचनाये चुरायी गई | तमाम तकनीकि सुविधाओं के बावजूद बैंको को इस बात का पता 6 हफ्ते बाद लगा जब ग्राहकों ने कार्ड इस्तेमाल में धोखाधड़ी की शिकायत करने बैंको के पास पहुचने लगे | इस धोखाधड़ी से हुये नुकसान का आकलन अभी सामने नहीं आया हैं | नेशनल पेमेट्स कार्पोरेशन आफ इण्डिया ने कहा है इस धोखाधड़ी और गड़बड़ी के लिए बैंक जिम्मेवार नहीं है पर इतनी बड़े स्तर पर वित्तीय धोखाधड़ी और गड़बड़ी की वारदात यह संकेत देती है की बैंकिग प्रणाली की सुरक्षा व्यवस्ता पूरी तरह से चाक-चौबंद, गोपनीय और सुरक्षित नहीं है, जितना की दावा किया जाता है | बैंक विभिन्न प्रकार की सेवाओं के लिए ग्राहकों से ही कई प्रकार के शुल्क लेती है | एसे में इस प्रकार की चुक बेहद गंभीर है, इस नुकशान को आकलन करने में जितना देरी होगी उतना ही नकारात्मक असर ग्रहको के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली के वित्तीय स्तर पर भी पड़ेगा | बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों पर इन दिनों लगातार बढ़ते हुये साइबर सेंधमारी के हमलो से अब सचेत होने से कुछ काम नहीं चलेगा बल्कि कुछ नये और कड़े कदम उ