Wpi inflation

नई दिल्ली। थोक मूल्य पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर बढ़कर अक्टूबर में नकारात्मक 3.81 प्रतिशत हो गई। इसके पहले सितंबर में यह दर नकारात्मक 4.54 प्रतिशत रही थी। थोक महंगाई दर में यह वृद्धि मुख्य रूप से पिछले एक साल में प्याज की कीमतों में 86 प्रतिशत और दाल की कीमतों में 53 प्रतिशत की वृद्धि की वजह से हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित वार्षिक महंगाई दर पिछले वर्ष अक्टूबर में 1.66 प्रतिशत थी। वार्षिक महंगाई दर में यह वृद्धि प्याज, दाल, गेहूं और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई है। इन वस्तुओं की कीमतें बढने से आम जनता का घरेलू बजट बिगड गया है। पिछले वर्ष नवंबर से वार्षिक महंगाई दर नकारात्मक बनी हुई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकडों के अनुसार अगस्त के थोक महंगाई दर में संशोधन किया गया है। इस वर्ष सितंबर में जारी अगस्त की थोक महंगाई दर नकारात्मक 4.95 प्रतिशत को संशोधित कर नकारात्मक 5.06 प्रतिशत कर दिया गया है। इस समीक्षाधीन अवधि में प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में 0.36 प्रतिशत और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में 1.67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। इस बीच ईंधन और बिजली के सूचकांक में 16.32 प्रतिशत गिरावट हुई है। हालांकि समीक्षाधीन महीने में खाद्य महंगाई दर में सितंबर के 0.69 प्रतिशत के मुकाबले 2.44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। समीक्षाधीन महीने के दौरान आम जनता की जरूरत की वस्तुओं के महंगा होने से घरेलू बजट बिगड गया है। इन वस्तुओं में मुख्य रूप से प्याज और दालें शामिल हैं। प्याज की कीमतें पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 86 प्रतिशत और दालों की कीमतें 53 प्रतिशत बढी हैं। पिछले महीने उडद की दाल में 17 प्रतिशत, अरहर की दाल में 12 प्रतिशत, चने की दाल में सात प्रतिशत और मूंग की दाल में छह प्रतिशत की वृद्धि हुई। गेहूं और सब्जी जैसी अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि वर्ष दर वर्ष आधार पर थो़डी कम थी। गेहूं की कीमत 4.68 प्रतिशत बढी जबकि सब्जी कीमतों में 2.56 प्रतिशत वृद्धि हुई। थोक महंगाई दर ऎसे समय में जारी हुई है, जब इसके पहले सितंबर महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई दर जारी हो चुकी है। सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर पांच प्रतिशत हो गई, जबकि अगस्त में यह 4.41 प्रतिशत दर्ज की गई थी। विनिर्मित उत्पादों की श्रेणी में खाद्य संबंधित उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतों में गिरावट आई है, खासतौर से चीनी की कीमत में। चीनी की कीमत में 14.54 प्रतिशत की गिरावट आई है। लेकिन खाद्य तेल की कीमतों में वर्ष दर वर्ष आधार पर 4.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ईंधनों में पेट्रोल 13.16 प्रतिशत सस्ता हुआ और डीजल 26.21 प्रतिशत सस्ता हुआ। रसोई गैस की कीमत में 5.83 प्रतिशत की गिरावट आई।

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Chetan Sharma is an Indian fact-checker and news writer, writing news for Ayupp since 2014.

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